Monday 12 July 2010

आज ११:१४ पे गुडगाँव के रिलायंश के नंबर से एक मिस कॉल आयी मेरे मोबाइल पे जब मैं बाएक चला रहा था. मुझे पता भी नहीं चला. जब मैं बैंक पहुंचा तो देखा ये नंबर बिलकुल मिट्ठू के ऑफिस के नंबर के जैसा था. मैंने वापस फ़ोन किया तो मिट्ठू ने ही फ़ोन उठाया. इतने दिनों बाद उसकी आवाज सुन के मेरी आँखों में पानी भर आया, लेकिन तुरंत ही उसकी दिलाई हुई कसम याद आ गयी. उसने मेरी तबियत के बारे में पूछा. वो भी ठीक है. उसका ऑफिस भी अच्छा चल रहा है. वो जानना चाह रही थी कि मैं कहाँ हूँ? मैंने उसे बताया कि मैं उड़ीसा में हूँ तो शायद उसे विस्वास नहीं हुआ फिर जब मैंने बोला कि मैं तुम्हें यहाँ के बेस फ़ोन से फ़ोन कर सकता हूँ तो शायद उसे यकीन आया. वो माँ के बारे में भी पूछ रही थी. फिर उसने ५ मिनट में फ़ोन करती हूँ बोल के फ़ोन रख दिया. और मैं इंतजार ही करता रह गया............ और उसका फ़ोन नहीं आया.
हे भगवन मेरी मिट्ठू को वो सारी खुशियाँ देना जो मैं उसे नहीं दे पाया. मेरी सारी खुशियाँ मिट्ठू कि और उसके सरे गम मेरे...

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