Sunday 28 December 2008

आज पता नहीं क्यों अचानक से नींद खुली और मैं चिल्ला रहा था, लेकिन नहीं मैं तो वहीँ स्टेशन के वेटिंग रूम में नीचे पड़ा हुआ था। आज मैंने नींद में अजीब सा सपना देखा की मिट्ठू किसी का हाथ पकड़ के मेरे सामने खड़ी है और मुझसे बोल रही है नाल मैं घूमने के लिए जयपुर जा रही हूँ। मैं उस लड़के को नहीं पहचान पाया। ये कह कर मिट्ठू उस लड़के के हाथ में हात डालके गाड़ी में बैठ के वहां से चली गयी, और मैं देखता रह गया। फिर मैं जोर से चिल्लाया मिट्ठू......... और उसको पकड़ने के लिए उठा तो , मेरी आँख खुली और मैंने अपने आपको वहीँ पाया जहाँ मेरी किस्मत ने मुझे पटका था.........

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