Saturday, 15 September 2012

हर सिक्के के दो पहलु होते हैं, खैर अब उन बातों को क्या कुरेदना? दुःख तो इस बात का है कि, सबों की तरह आपने भी मुझे गलत समझा. कोइ बात नहीं भाई. ठीक हूँ, जिन्दा हूँ, और आप कैसे हैं? बस खानाबदोश की तरह भटक रहा हूँ यहाँ से वहाँ किसी के इंतजार में. 

Monday, 23 July 2012

आज 23 जुलाई है, मिट्ठू का जन्मदिन . बहुत समझाने के बाद भी जब मन नहीं माना तब फ़ोन उठाया और उसका नंबर लगाया, दूसरी तरफ से घंटी की आवाज़ सुनाई दे रही थी। तीन-चार घंटियों के बाद फ़ोन उठा और सामने से वही पुरानी मीठी सी हेल्लो की आवाज़ आयी जिसको सुनने के लिए मैं  दो साल से इंतज़ार कर रहा था। मेरे मुहँ से अनायास ही "हैप्पी बर्थडे मिट्ठू " निकल गया। फिर क्या था सामने से बीप ...बीप ..की आवाज़ आने लगी। फ़ोन कट चुका था। उम्मीद तो नहीं थी परन्तु सच यही था।

बोझिल मन से बिस्तर पे गया और सोने की कोशिश करने लगा ये जानते हुए भी की नींद तो आनी नहीं है। क्या करता दिमाग तो कहता है वो नहीं आएगी लेकिन दिल ये बात मानने के लिए तैयार हे नहीं है। यही सबकुछ सोचते-सोचते इसी कशमकश में पूरी रात छत देखते हुए निकल गयी। सुबह के 6 बज रहे थे, माँ सामने चाय का कप ले कर कड़ी थी और पूछ रही थी बाबा कब तक उसके बारे में सोचते रहोगे? वो अब नहीं आएगी बेटा। मैंने झट से सिर को हल्का सा एक तरफ झुकाते हुए अपनी नम आँखों को पोछते हुए कहा नहीं माँ बस वो नींद जल्दी खुल गयी थी इसलिए बस वो ऐसे हे लेता हुआ था। माँ भी समझ गयी और  बिना कुछ कहे ही चाय दे कर चली गयी।

Monday, 23 August 2010

आज ११:३३ पे मिट्ठू का कॉल आया, उसने पहले कि ही तरह तबियत के बारे में पूछा. वो जानना चाह रही थी कि मैं कहाँ हूँ? मैंने उसे बताया कि मैं विसखापत्नाम में हूँ. फिर उसने मेरी जॉब के बारे में जानना चाहा... तो मैंने उसे बताया कि ये जॉब मुझे मुन्ना चा कि मदद से मिली है. फिर उसने एक बहुत अजीब सा सवाल पूछा जो मैं समझ नहीं पाया कि उसने ऐसा क्यों पूछा? उसका सवाल था कि क्या मेरा ट्रान्सफर दिल्ली नहीं हो सकता है? मैंने उसे बताया कि दिल्ली में ऐसा कोइ काम नहीं है जो मेरी कंपनी करती हो. उसके बाद उसने मुझसे मिलने कि इच्छा जाहिर कि, उसने बोला कि क्या मैं दिल्ली आ सकता उससे मिलने? ये सुनते ही मनो मेरी ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा, लेकिन अगले ही पल उसने ये साफ़ कर दिया कि मैं कोइ उम्मीद नहीं करूँ, वो सिर्फ मुझसे कुछ बात करना चाहती है. उसने ये भी साफ़ साफ़ कहा कि वो मुझसे अकेले नहीं मिलेगी, कोइ उसके साथ होगा, मैंने बोला वो मुझसे मिलेगी मेरे लिए यही बहुत है. लगभग १६ महीने बाद मैं अपनी मिट्ठू को देखूँगा मेरे लिए इस से बड़ी ख़ुशी क्या होगी?
फिर मैंने उसे बोला ठीक है मैं अपने बॉस से छुट्टी के बारे में बात करके उसे बताऊँगा कि मैं दिल्ली कब आ रहा हूँ...अभी उससे बात हो ही रही थी कि ऑफिस से फ़ोन आने लगा, बार-बार फ़ोन कि घंटी सुन कर मिट्ठू ने बोला कि जाओ काम करो बाद में बात करेंगे. हे भगवन आज का दिन कितना अच्छा है मेरे लिए... मेरी मिट्ठू ने खुद फ़ोन करके मुझसे मिलने कि इच्छा जाहिर कि है. हे भगवन मेरी मिट्ठू को मेरी सारी खुशियाँ देना और उसके सारे गम मुझे दे दो...

Monday, 19 July 2010

आज ऑफिस में बैठा था तो अचानक से वही जानी पहचानी फ़ोन कि घंटी बजी जो मैंने अपने मोबाइल में मिट्ठू के नंबर पे लगाई है. मैंने झट से अपना फ़ोन चेक किया तो सच में, मेरा ही फ़ोन बज रहा था और नंबर भी वही था. मिट्ठू ही थी, वो ठीक है और खुश है ये जानकर बहुत अच्छा लगा. मैंने उसे बताया कि यहाँ कंपनी का फ्लैट मिला है, तो उसने पूछना शुरू किया कि खाना कहाँ खता हूँ, सामान क्या क्या लिया है, कौन- कौन रहता है इत्यादि? फिर मैंने उससे चाय के मसाले के बारे में पूछा तो उसने सारा बताया. मिट्ठू से बात करके बहुत अच्छा लगा. आज मैंने फ्लैट के लिए कुछ सामान भी खरीदा जैसे कि दूध के लिए बर्तन, चाय के लिए सस्पेन, चाय कि पत्ती, चीनी, नमक, चना, गुड और मूंग ताकि सुबह नाश्ते में खा सकूं. अभी १२:१० बजे हैं लेकिन नींद नहीं आ रही है, इसलिए बैठा डायेरी लिख रहा हूँ. जब भी आँख बंद करता हूँ तो मिट्ठू का वही चेहरा सामने आ जाता है. हे भगवन मेरी मिट्ठू को खुश रखना, मेरी सारी ख़ुशी मिट्ठू कि और उसके सारे गम मेरे. अब सोने कि कोशिश करता हूँ, क्योंकि कल सुबह क्योंझर जाना है...  

Monday, 12 July 2010

आज ११:१४ पे गुडगाँव के रिलायंश के नंबर से एक मिस कॉल आयी मेरे मोबाइल पे जब मैं बाएक चला रहा था. मुझे पता भी नहीं चला. जब मैं बैंक पहुंचा तो देखा ये नंबर बिलकुल मिट्ठू के ऑफिस के नंबर के जैसा था. मैंने वापस फ़ोन किया तो मिट्ठू ने ही फ़ोन उठाया. इतने दिनों बाद उसकी आवाज सुन के मेरी आँखों में पानी भर आया, लेकिन तुरंत ही उसकी दिलाई हुई कसम याद आ गयी. उसने मेरी तबियत के बारे में पूछा. वो भी ठीक है. उसका ऑफिस भी अच्छा चल रहा है. वो जानना चाह रही थी कि मैं कहाँ हूँ? मैंने उसे बताया कि मैं उड़ीसा में हूँ तो शायद उसे विस्वास नहीं हुआ फिर जब मैंने बोला कि मैं तुम्हें यहाँ के बेस फ़ोन से फ़ोन कर सकता हूँ तो शायद उसे यकीन आया. वो माँ के बारे में भी पूछ रही थी. फिर उसने ५ मिनट में फ़ोन करती हूँ बोल के फ़ोन रख दिया. और मैं इंतजार ही करता रह गया............ और उसका फ़ोन नहीं आया.
हे भगवन मेरी मिट्ठू को वो सारी खुशियाँ देना जो मैं उसे नहीं दे पाया. मेरी सारी खुशियाँ मिट्ठू कि और उसके सरे गम मेरे...

Saturday, 22 May 2010

Happy Birthday Mamma

आज मम्मा का जन्मदिन है. मुझे अच्छी तरह से याद है आज के ही दिन २००८ में हम लोगों ने मम्मा का जन्मदिन प्रकाश मोहल्ला में मनाया था. मम्मा ने केक कटा था. आज मैंने मम्मा को हैप्पी बर्थडे का मेसेग भेजा, लेकिन कोए जवाब नहीं आया.
हे भगवान् मम्मा को लम्बी आयु और अच्छा स्वास्थ देना. उनको वो सारी खुशियाँ देना जो उनको चाहिए. भगवान करे की मिट्ठू के लाइफ में जो भी कोए नया आये वो उनको बहुत प्यार और सम्मान दे. हे भगवान् मेरी सारी खुशियाँ मिट्ठू की और मिट्ठू के सारे गम मेरे. खुश रहना मिट्ठू...

Friday, 9 April 2010

आज लगभग डेढ़ साल के बाद मिट्ठू का नाम अपने फ़ोन पे देख के लगा जैसे के मेरी ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा. वही मोबाइल की धुन जो मैंने मिट्ठू के नाम पे सेट कर रखी थी अचानक से फ़ोन पे बज uthi. पहले तो मुझे विश्वास ही नहीं हुआ लेकिन दो बार चेक करने के बाद मैंने फ़ोन उठाया. उस समय दिन के २:४५ बज रहे थे और मैं होटल के कमरे में ही बैठा गाना सुन रहा था. मिट्ठू ने मुझसे बात के मेरे लिए इतना ही काफी था की उसे मैं आज भी याद था. उस से बात करने के बाद थोडा सा तो दुखी हुआ लेकिन फिर मैंने अपने आप को समझा लिया. दुःख तो इस बात से हुआ के उसने ये जानने  के लिए फ़ोन किया था के मैं दिल्ली कब आ रहा हूँ, और उन  कागजात पे दस्तखत कब करूंगा?   और अच्छा ही है तीन लोगों के दुखी रहने से तो अच्छा है न के दो लोग खुश रहें. मेरा क्या है आधे से ज्यादा लाइफ तो ख़तम हो चुकी  है और जितनी बची है वो इस सहारे गुजर जाएगी की मिट्ठू खुश है अपनी लाइफ में. वैसे भी जब तक माँ है मुझे भी तभी तक रहना है. मिट्ठू ने मुझसे पुछा के मुझे किसी cheej की जरूरत है क्या तो मैंने उससे उसका  मोबाइल नंबर माँगा, लेकिन आज एक बार फिर मिट्ठू ने मुझसे झूठ बोला, हालाँकि उसे झूठ बोलने की कोए जरूरत नहीं थी वो मुझे साफ-साफ ये बोल सकती थी की वो नहीं देना चाहती है, लेकिन उसने बोला की उसके पास मोबाइल नहीं है. मिट्ठू से ही मुम्म और बीजी के बारे में सुन कर अच्छा लगा. हे भगवन माँ और मिट्ठू को खुश रखना. यही मेरी अंतिम प्रार्थना है तुमसे. मेरी सारी खुशियाँ मिट्ठू की और उसके सरे गम मेरे. मैंने मिट्ठू से उसका कसम  तोड़ने के बारे में पुछा लेकिन उसने मना कर दिया. हे भगवन अब मुझसे बर्दास्त नहीं हो पाता है.